रविवार, 13 अप्रैल 2008

प्राणायाम-उद्वेग,चिन्ता,क्रोध,निराश,भय और कामुकता आदि मनोविकारों का समाधान-प्राणायाम- द्वारा सरलता पूर्वक किया जा सकता है।इतना ही नहीं मस्तिष्क की क्षमता बढ़ाकर स्मरण-शक्ति, कुशाग्रता, सूझबूझ, दूरदर्शिता, शूक्ष्म निरिक्षण, धारणा, मेधा आदि मानसिक विषमताओं का अभिवर्धन करके प्राणायाम द्वारा दीर्घजीवी बनकर जीवन का वास्तविक आनन्द प्राप्त किया जा सकता है